
भारतीय मरूस्थल भूमि में स्थित राजस्थान का प्रमुख जिले जैसलमेर की प्राचीन राजधानी लोद्रवा अपनी कला, संस्कृति और जैन मंदिर के लिए पुरातात्विक विशेषज्ञों, पर्यटकों, और जैन धर्म के अनुयायियों
भारतीय मरूस्थल भूमि में स्थित राजस्थान का प्रमुख जिले जैसलमेर की प्राचीन राजधानी लोद्रवा अपनी कला, संस्कृति और जैन मंदिर के लिए पुरातात्विक विशेषज्ञों, पर्यटकों, और जैन धर्म के अनुयायियों
सभी लोक तीर्थों की अपनी धर्मगाथा होती है। लेकिन साहिस्यिक कर्मगाथा के रूप में रणकपुर सबसे अलग और अद्वितीय है। रणकपुर गांव राजस्थान के पाली जिले में अरावली पर्वत श्रृखलाओं
डिग्गी धाम राजस्थान की राजधानी जयपुर से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर टोंक जिले के मालपुरा नामक स्थान के करीब डिग्गी नामक छोटा सा नगर है। यह स्थान यहां स्थित
राजस्थान के पश्चिमी सीमावर्ती जिले जोधपुर में एक प्राचीन नगर है ओसियां। जोधपुर से ओसियां की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। यह स्थान सडक और रेल मार्ग दोनों से जुडा है।
सती तीर्थो में राजस्थान का झुंझुनूं कस्बा सर्वाधिक विख्यात है। यहां स्थित रानी सती मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां सती नारायणी के कुल में अब तक 12 सतियां हो चुकी
राजस्थान राज्य के दक्षिणी भूखंड में आरावली पर्वतमालाओं के बीच प्रतापगढ़ जिले की अरनोद तहसील से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर प्रकृति की गोद में रमणीय स्थल पर गौतमेश्वर महादेव
केशवरायपाटन अनादि निधन सनातन जैन धर्म के 20 वें तीर्थंकर भगवान मुनीसुव्रत नाथ जी के प्रसिद्ध जैन मंदिर तीर्थ क्षेत्र और भागवान केशवराय जी महाराज, तथा भगवान विष्णु के मन्दिर
नाकोड़ा जी तीर्थ जोधपुर से बाड़मेर जाने वाले रेल मार्ग के बलोतरा जंक्शन से कोई 10 किलोमीटर पश्चिम में लगभग 1500 फीट ऊंची पहाड़ियों से घिरी हुईं पवित्र घाटी के
राजस्थान की पश्चिमी धरा का पावन धाम रूणिचा धाम अथवा रामदेवरा मंदिर राजस्थान का एक प्रसिद्ध लोक तीर्थ है। यह राजस्थान के जैसलमेर जिले के अंतर्गत पोखरण नामक गांव से
भारत के राजस्थान राज्य के सीकर से दक्षिण पूर्व की ओर लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर हर्ष नामक एक छोटा सा गांव बसा हुआ हैं। इसके पास ही हर्ष
राजस्थान के शिव मंदिरों में एकलिंगजी टेम्पल एक महत्वपूर्ण एवं दर्शनीय मंदिर है। एकलिंगजी टेम्पल उदयपुर से लगभग 21 किलोमीटर दूर उदयपुर-नाथद्वारा-ब्यावर के राजमार्ग पर स्थित है। जहाँ के लिए
राजस्थान के दक्षिण भाग में उदयपुर से लगभग 64 किलोमीटर दूर उपत्यकाओं से घिरा हुआ तथा कोयल नामक छोटी सी नदी के तट पर स्थित धुलेव नामक कस्बा है। यही
माँ कैला देवी धाम करौली राजस्थान हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहा कैला देवी मंदिर के प्रति श्रृद्धालुओं की अपार श्रृद्धा है। लोगों का विश्वास है कि कि माता
मुकाम मंदिर या मुक्ति धाम मुकाम विश्नोई सम्प्रदाय का एक प्रमुख और पवित्र तीर्थ स्थान माना जाता है। इसका कारण यह है कि इस सम्प्रदाय के प्रवर्तक जाम्भोजी महाराज का
प्रिय पाठकों अपने इस लेख में हम उस पवित्र धरती की चर्चा करेगें जिसका महाऋषि कपिलमुनि जी ने न केवल स्पर्श ही किया है। बल्कि उन्होंने अनेक वर्षों तक आसन