
मानव में जब चेतना नहीं रहती तो परिक्रमा करती हुई कोई आवाज जागती है। धरा जब जगमगाने लगती है, तो दिव्य ज्योति सम्भूत कोई न कोई शक्ति प्रकट होती है।
मानव में जब चेतना नहीं रहती तो परिक्रमा करती हुई कोई आवाज जागती है। धरा जब जगमगाने लगती है, तो दिव्य ज्योति सम्भूत कोई न कोई शक्ति प्रकट होती है।
श्रीमती कमला देवी चट्टोपाध्याय आज के युग में एक क्रियाशील आशावादी और विद्रोहिणी नारी थी। इनके आदर्शों की व्यापकता जीवनपथ पर अग्रसर होने के लिए कुछ निश्चित सिद्धांत और बिना
श्री राजकुमारी अमृत कौर वर्तमान युग की उन श्रेष्ठ नारी विभूतियों में से एक है। जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में भाग लेकर अपने देश को गौरव और सम्मान प्रदान किया है।
चित्रकला चित्रकार के गूढ़ भावों की अभिव्यंजना है। अंतर्जगत की सजीव झांकी है। वह असत्य वस्तु नहीं कल्पना की वायु से पोषित नहीं, ठोस और ध्रुव सत्य है। उसमें जीवन
“आज तक हमारा काम परदेशी नीवं के भवन को गिराना रहा है, परंतु अब हमें अपना भवन बनाना है, जिसकी ईटें हम और आप है। हम जितने सशक्त होगें उतना
सती उर्मिला अजमेर के राजा धर्मगज देव की धर्मपत्नी थी। वह बड़ी चतुर और सुशील स्त्री थी। वह राज्य कार्य को भली प्रकार समझती थी। यद्यपि धर्मगज देव की और
हमनें अपने पिछले लेख चंद्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस का युद्ध मे चंद्रगुप्त मौर्य की अनेक बातों का उल्लेख किया था। और यह बताया था कि उसने किस तरीके से देश
खैबर दर्रा नामक स्थान उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान की सीमा और अफ़ग़ानिस्तान के काबुलिस्तान मैदान के बीच हिन्दुकुश के सफ़ेद कोह पर्वत शृंखला में स्थित एक प्रख्यात दर्रा है। यही वह
देश की शक्ति निर्बल और छिन्न भिन्न होने पर ही बाहरी आक्रमण होते है। आपस की फूट और द्वेष से भारत सदा निर्बल रहा है। और इसी प्रकार के अवसरों पर
शकों का आक्रमण भारत में प्रथम शताब्दी के आरंभ में हुआ था। शकों के भारत पर आक्रमण से भारत में शकों का प्रभुत्व बढ़ता गया। और उन्होंने अनेक राज्य अपने
चंद्रगुप्त मौर्य और सिकंदर का युद्ध ईसा से 303 वर्ष पूर्व हुआ था। दरासल यह युद्ध सिकंदर की मृत्यु के बाद उसके सेनापति सेल्यूकस और चंद्रगुप्त के बीच हुआ था।
झेलम का युद्ध भारतीय इतिहास का बड़ा ही भीषण युद्ध रहा है। झेलम की यह लडा़ई इतिहास के महान सम्राट विश्व विजेता सिकंदर और पोरस के बीच हुई थी। इस
क्या गरीब होना किस्मत की बात है? क्या अकाल से होने वाली मौतों को किसी भी प्रकार रोका या कम किया जा सकता है? क्यो आज भी विश्व के अधिकांश देश भूखमरी
एक बार फिर अरबों भारतवासियों के होठों पर आत्म स्वाभिमान की मुस्कराहट खिल उठी। एक बार फिर सारा देश अपनी माटी के एक सपूत की असाधारण ऊपब्धि पर झूम उठा
राजस्थान के सीकर जिले में सीकर के पास सकराय माता जी का स्थान राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। मालकेत नामक पर्वतमाला यहां आकर मंडलाकार हो गई है।