लेह लद्दाख यात्रा – लेह लद्दाख के दर्शनीय स्थल – विश्व की सबसे अधिक ऊंची सडक Naeem Ahmad, September 15, 2017February 24, 2023 कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा गया है और ऐसा कहना भी गलत नही है। यहां की बर्फ से ढकी चोटिया हरे भरे पहाड कल कल करती नदियां झीले इसे धरती की जन्नत का दर्जा दिलाती है। कश्मीर का कोने कोने मे कुदरत ने प्रकृति को इस तरह सजाया है कि मानो साक्षात धरती पर स्वर्ग ही उतार दिया अपनी इस पोस्ट में हम धरती के स्वर्ग कश्मीर के खुबसूरत हिल्स स्टेशन लेह लद्दाख यात्रा पर चलेगे। लद्दाख कश्मीर का एक खुबसूरत जिला है लद्दाख का क्षेत्रफल 97776 वर्ग किलोमीटर है। लद्दाख समुन्द्र तल से लगभग 3524 मीटर की ऊचाई पर बसा है। लद्दाख इतिहास के पन्नो में शुरू से ही रहस्यो से परिपूर्ण भूमि के रूप में जाना जाता है। इसे पृथ्वी की छत कहना अनुचित नही है। यहां ओर पहाडो की तरह हरियाली तो नही है। पर यहा के बर्फ से ढके पहाड सैलानी को अपनी ओर आकर्षित करते है। लद्दाख का अर्थ ही पर्वतो का देश है। इसके अलावा अनेक जातियों संस्कृतियों एवं भाषाओ का संगम लद्दाख अपनी विशिष्टताओ के कारण देशी विदेशी पर्यटको के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यहां के पर्वत पर्वतारोहण करने वालो के मध्य काफी लोकप्रीय है। इसके अलावा यहा की बौद्ध गुफाएं अपनी सुंदरता तथा कारीगरी से दर्शको को आश्चार्य चकित करती है। स्न 1979 मे लद्दाख को दो जिलो लेह और कारगिल में बाट दिया गया था। लेह बौद्ध बहुल क्षेत्र है। जबकि कारगिल मुस्लिम बहुल क्षेत्र है।लेह लद्दाख यात्रालेह लद्दाख का प्रमुख शहर और व्यापारिक केन्द्र भी है। यह शहर अपनी अनूठी संस्कृति, कला, शिल्प और रीति रिवाजो के लिए प्रसिद्ध है। मीलो तक फैला बर्फ का यह रेगिस्तान लद्दाख की प्राथमिक राजधानी भी है। लेह वर्षो तक तिब्बत और मध्य एशिया के बीच व्यापार करने के लिए सुगम मार्ग रहा है। आज इसे मुख्य रूप से बौद्ध धर्म के अनुयायियो की आस्था का केन्द्र तथा तिब्बत शरणार्थियो के रहने की जगह माना जाता है। लेह समुन्द्र तल से लगभग 3524 मीटर की ऊचाई पर स्थित भारत का सबसे ऊचा रहने योग्य स्थान है। यहां के परम्परागत त्यौहार, बौद्ध मठ और उनकी संस्कृति किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम है। हिमाचल पर्वतमाला के काराकोरम, जंसकार और लद्दाख की पहाडियो के बीच बसा यह स्थान रोमांचकारी अनुभवो के साथ साथ मानसिक शांति प्रदान करता है।लेह लद्दाख के सुंदर दृश्यलेह लद्दाख के पर्यटन स्थललेह लद्दाख यात्रा का रोमांचशांति स्तूप लेह :- शांति स्तूप लेह लद्दाख यात्रा का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह नवनिर्मित भवन एक सफेद स्तूप है। शांति स्तूप का निर्माण जापान और लद्दाख का भगवान बुद्ध की स्मृतियो और धरोहरो को संजोने के लिए मिला जुला प्रयास है। इसमे प्रवेश करने के लिए अनेक सीढीया बनाई गई है। जैसे जैसे आप यहा की सीढीयो पर कदम बढाएंगे आपको हर कदम पर एक नया नजारा देखने को मिलेगा। सन 1985 में बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा द्धारा इस शांति स्तूप का उदघान किया गया था। गुलमर्ग के पर्यटन स्थलपहलगाम के पर्यटन स्थलमाथो मठ लेह:- यह मठ फरवरी व मार्च में होने वाले ओरेकल त्योहार के लिए जाञा जाता है। इस त्यौहार के दौरान यहा दिल दहला देने वाले करतब भी देखने को मिल सकते है। यहां के संग्रह भी देखनें योग्य है।लेह महल :- शहर के मध्य मे स्थित इस महल की खाशियत यह है कि इसे नौ तलो मे बनाया गया है। लेह महल का निर्माण 16 वी शताब्दी मे सिंग नामग्याल ने करवाया था। इस महल मे भगवान बुद्ध के जिवन को दर्शाती चित्रकारी देखने योग्य है।जोरावर का किला:- एक उथली खाई से घिरा जोरावर का किला बहुत ही खुबसूरती से मिटटी से बनाया गया विशाल किला है। जोरावर किले का इस्तेमाल आजकल भारतीय सेना द्धारा खच्चरो व टटटुओ को रखने के लिए किया जाता है।अल्ची मठ:- इंडस नदी के तट पर बना यह एक खुबसूरत मठ है। इस मठ में बने पांच मंदिरो मे चित्रकला द्धारा युद्ध परम्परागत परिधानो और बौद्ध धर्म को विस्तार दर्शाया और समझाया गया है।गोस्पा तेस्मो मठ :- लेह महल के करीब बना यह एक शाही मठ है। महात्मा बुद्ध की प्रतिमाओ से सुसज्जित यह मठ पर्यटको को दूर से ही आकर्षित करता है।लेह मस्जिद :- इस मस्जिद का निर्माण 17 वी शताब्दी मे हुआ था। लेह मस्जिद का निर्माण देलदन नामग्याल ने अपनी मुस्लिम मां की याद मे करवाया था। यह मस्जिद तुर्क और ईरानी कलाशैली से निर्मित कलाकृति अनमोल नमूना है।लेह लद्दाख के प्रमुख मठशे बौद्ध मठ लद्दाख :- लेह लद्दाख यात्रा मे बौद्ध मठो का काफी बडा महत्व है। शे बौद्ध मठ की लेह से दूरी 10 किलोमीटर के लगभग है। इस मठ में भगवान बुद्ध की पीतल की प्रतिमा के साथ शाक्य की मूर्ति भी देखने लायक है।शंकर गोंपा मठ :- शंकर गोंपा मठ की लेह से दूरी 2 किलोमीटर है। यहां आप ग्यालवा, चोंकापा, महात्मा बुद्ध और चंडाजिक की मूर्तियां देख सकते है। जिन्हे शिल्पकार ने बडी ही सुंदरता के साथ बनाया है।ठिक्से मठ लद्दाख :- ठिक्से मठ लेह से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसकी गीनती लेह के खुबसूरत मठो में की जाती है। यहां भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा दर्शन योग्य है। लेह लद्दाख यात्रा पर आने वाले अधिकतर सैलानी इसके दर्शन जरूर करते है।हेमिस गोंपा मठ लद्दाख :- यहां हर वर्ष पद्ममसंभव की वर्षगांठ पर लेह निवासियो द्धारा मुखोटा नृत्य किया जाता है। यह भी कहा जाता है कि ईसा मसीह का बाल्यकाल हेमि गुंफाओ में ही बीता था। यहा लद्दाख का सबसे बडा चित्र संग्रहालय है। हेमिस गोंपा मठ की लेह से दूरी 40 किलोमीटर के लगभग है।गुरूद्धारा पत्थर साहिब :- गुरूद्धारा पत्थर साहिब की लेह से दूरी 20 किलोमीटर है। यहां एक शिला पर मानव आकृति उभरी हुई है। माना जाता है कि यह आकृति सिखों के प्रथम गुरू नानकदेव जी की है।लद्दाख के दर्शनीय स्थलनुबरा घाटी :- लेह लद्दाख यात्रा के दौरान नुबरा घाटी सबसे बडा रोमांच है। लेह से टैक्सी लेकर आप यहां आ सकते है। यहां विश्व की सबसे ऊची सडक पर यात्रा करने का आनंद उठाने के साथ ही रास्ते में बसे गांव, गरम जलधारा और मठो की सैर का भी आनंद प्राप्त कर सकते है।हैमिस नेशनल पार्क :- हेमिस नेशनल पार्क लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र मे स्थित है। यह भारत का सबसे बडा संरक्षित क्षेत्र माना जाता है यह लगभग 4400 वर्ग किलोमीटर मे फैला है। यहां आप हिम तेंदुआ, तिब्बती भेडें, तिब्बती भेडीया, भालू, लोमडी, गोल्डन ईगऌ, गिद्ध आदि वन्य जीव देख सकते है।जन्स्कर घाटीकारगिल से आगे नुन और कुन की जुडवा चोटिया है। यह लद्दाख की सबसे ऊंची चोटियां है। और आगे बढने पर बर्फ की ऊंची ऊंची चोटियां चारो ओर आकर्षित करने लगती है। यहां से जन्स्कर घाटी का एकमात्र प्रवेशद्धार है। पेंसी लॉ जो कि14600 फीट की ऊचाई पर स्थित है। जन्स्कर सबसे ठंडे आबादी वाले स्थानो मे से एक है।स्पांगमिकपंगगोंग झील के दक्षिण किनारे पर सात किलोमीटर लंबा यह इलाका वह अंतिम स्थान है। जहा तक भारतीय पर्यटको को जाने की अनुमति है। नीला व हरा सा दिखता झील का पानी तथा आस पासबसे छोटे छोटे गांव देखने योग्य है।लद्दाख की यात्रा पर जाने से पहले ध्यान देने योग्य बाते व सावधानिया अधिक ऊचाई पर स्थित होने के कारण यहा अॉक्सीजन की कमी महसूस हो सकती है। अॉक्सीजन की कमी से होने वाली परेशानी से बचने के लिए जरूरी दवाईया लेकर जाये सांस के मरीज लोगो को ट्रैकिंग जैसे कार्य से बचना चाहिए ट्रैकिंग व पर्वतरोहण पर जाने के लिए प्रशिक्षित गाईड को जरूर साथ रखे वहा पर ठंड अधिक होती है। यात्रा पर जाने के लिए अपने साथ गर्म कपडे जरूर लेकर जाये यात्रा के दौरान पैदल चलने के लिए स्पोर्टस शूज का इस्तेमाल करे लद्दाख की सडके खतरनाक व कम चौडी होती है। खुद कार ड्राइव करने से बचे और प्रशिक्षित पेशेवर ड्राइवर को साथ लेकर जाये घाटी की गहराईयो के किनारो पर न जाये चढाई पर पैदल घूमने के दौरान अपने ट्रैवल बैग को हलका रखे उसमे सिर्फ जरूरी समान ही लेकर जाये वहा का मौसम बहुत जल्दी खराब होता है। अपने ट्रैवल बैग मे छाता रखना ना भूलेलेह लद्दाख कैसे पहुंचेलेह लद्दाख यात्रा पर जाने के लिए हवाई मार्ग द्धारा आपको दिल्ली मुम्बई तथा देश के अन्य हवाई अडडो से सीधी उडाने लेह के लिए है।रेल मार्ग द्धारा यहा पहुचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू है। यहां से लेह के लिए टेक्सी या बसो द्धारा जाया जा सकता है। सडक मार्ग द्धारा यहा पहुचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 1डी उपयोग किया जा सकता है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— [post_grid id=’16975′] Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल भारत के हिल्स स्टेशन Paryatan Hजम्मू कश्मीर पर्यटनलद्दाख की झीलेहनीमून डेस्टिनेशनहिल स्टेशन