रणजीत सिंह क्रिकेटर भारत के प्रथम क्रिकेट खिलाडी Naeem Ahmad, March 31, 2020March 28, 2024 भारत के पहले टेस्ट मैच खिलाड़ी रणजीत सिंह का जन्म 10 सितंबर, 1872 को सरोदर काठियावाड़ में हुआ था। इनका पुरा नाम कुमार रणजीत सिंह था। इन्होंने अपने क्रिकेट खेल की शुरुआत इग्लैंड से की थी। इन्हें सम्मान देने के लिए ही इनके नाम पर भारत के प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट का नाम रणजी ट्रॉफी रखा गया है। इस टूर्नामेंट का शुभारंभ 1935 में पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने किया था।रणजीत सिंह भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक थे। वे एक भारतीय.राजकुमार थे जिन्हें भारत का प्रथम क्रिकेट खिलाड़ी होने का श्रेय भी है। रणजीतसिंह जी का जन्म एक धनी परिवार में हुआ था। 1888 में वह ट्रिनिटी कॉलेज कैम्ब्रिज में दाखिला लेने ब्रिटेन चले गए। वहां उन्होंने अपना नाम बदलकर निक नेम स्मिथ कर लिया था, और उसी नाम से पहचाने जाने लगे थे। बाद में उन्हें कर्नल के नाम से भी जाना जाता था। उन्हें कर्नल हिज हाइनेस श्री सर रणजीत सिंह विभाजी कहकर सम्बोधित किया जाता था। वे नवानगर के महाराजा जैम साहब के नाम से भी जाने जाते थे। रणजीत सिंह पहले भारतीय क्रिकेट टेस्ट मैच खिलाडीअपनी स्नातक शिक्षा पूरी हो जाने पर रणजीत जी ने ससेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट खेलना आरंभ कर दिया। उन्होंने इससे पूर्व सही व्यवस्थित खेल नहीं खेला था, लेकिन फिर भी उन्होंने फाइनल वर्ष की समर में क्रिकेट खेलते हुए ब्लू को जीत लिया। उन्होंने क्रिकेट के खेल की औपचारिक शुरुआत मई 1895 में लॉर्ड्स में की। यहां उन्होंने ससेक्स के लिए खेला और एम.सी.सी. के विरुद्ध 77 व 150 रन बना डाले। 1896 में इंग्लैंड की ओर से उन्होंने पहला टेस्ट मैच खेला। इस प्रकार वे क्रिकेट टेस्ट मैच खेलने वाले पहले भारतीय बन गए। 1896 में यह टेस्ट मैच रणजीत सिंह जी ने 16 से 18 जुलाई के बीच मेन्चेस्टर में खेला। उन्होंने यह मैच आस्ट्रेलिया के विरुद्ध इंग्लैंड की ओर से खेला था। उन्होंने अपने इस पहले टेस्ट मैच में 62 तथा 154 रन बनाए और नॉटआउट रहे। इस प्रकार वह डब्लू जी ग्रेस के बाद दूसरे ऐसे खिलाड़ीत्रबन गए, जिन्होंने इंग्लैंड के लिए खेलते हुए अपने प्रथम मैच में शतक जमाया।रणजीत सिंह क्रिकेटररणजीतसिंह जी देश के अत्यंत कुशल.व तेज गेंदबाज थे। उन्होंने 1895 से 1905 के बीच टेस्ट मैच खेले। 1897-98 में आस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने पूरे दौरे में 1157 रन बना लिए, जिनका औसत 60.89 था। रणजीत ने लगातार 10 घरेलू मैचों में ( इंग्लैंड में ससेक्स में) 1000 रन बनाए ( 1899 से 1900 के बीच उन्होंने 3000 से अधिक रन बनाए)। वे 1899 से 1903 तक ससेक्स टीम के कप्तान भी रहे। उस समय रणजीत का नाम ससेक्स की पहचान था। 1904 में रणजीत जी भारत लौट आए, क्योंकि उन पर अनेक घरेलू जिम्मेदारियां थी। यहां उन्होंने केवल दो वर्ष पूरी तरह क्रिकेट खेली 1908 में तथा 1912 में और दोन बार 1000 से अधिक रन बनाए। बाद में किसी की गलत सलाह पर वे ससेक्स वापस गए, यह 1920 की बात है। उन्होंने तीन बार खेलने का प्रयास किया। परंतु वे 48 वर्ष के हो चुके थे, उनका वजन बढ़.चुका था और वे एक शूटिंग दुर्घटना में अपनी एक आंख भी गवां चुके थे। अतः अंतिम बार खेलते वक्त वे 39 रन ही बना सके।हरभजन सिंह का जीवन परिचय – हरभजन सिंह बायोग्राफी इन हिंदीमार्च 1907 में क्रिकेट से अलग वे नवानगर के महाराजा जाम साहब बन चुके थे। वह इस रूप में हर तरह से बहुत लोकप्रिय थे और दयालु शासक थे। लीग ऑफ नेशन्स तथा चेम्बर ऑफ प्रिंसेज के लिए किया गया उनका कार्य बहुत महत्वपूर्ण रहा जो उन्होंने महायुद्ध के बाद किया। सर नेविल कार्डस ने रणजीतसिंह जी के संबंध में लिखा — जब रणजीत सिंह ने क्रिकेट छोड़ दिया, खेल से सारी चमक और रौनक ही हमेशा के लिए गायब हो गई। 1897 में रणजीतसिंह जी ने एक पुस्तक लिखी थी – द जुबली ऑफ क्रिकेट ना से। यह पुस्तक क्रिकेट की दुनिया में एक अत्यंत महत्वपूर्ण रचना मानी जाती है। बाद में रणजीतसिंह के भतीजे के. एस. दलीप सिंह जी ने भी इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेला।मदनमोहन मालवीय का जीवन परिचय हिन्दी मेंरणजीत सिंह जी ने कुल 15 टेस्ट मैच खेले और सभी मैच इंग्लैंड के लिए खेले। उन्होंने प्रायः आस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेला और 44.95 की औसत से 989 रन बनाएं, जिनमें दो शतक तथा छः अर्धशतक शामिल है। उन्हें 1897 में.विजडन क्रिकेटर ऑफ ईयर चुना गया। रणजीत सिंह जी क्रिकेट की दुनिया के जीनियस थे जिन्होंने बल्लेबाजी की कला को नए आयाम दिए। उनसे पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी फ्रंट फुट पर ही खेलते थे, परंतु उन्होंने बैक फुट पर भी शानदार स्ट्रोक खेले और नए तरीके से कट लगाने की विधि से खेला। 2 अप्रैल 1933 को रणजीत सिंह की मृत्यु हो गई।क्रिप्टो करंसी में इंवेस्ट करें और अधिक लाभ पाएं खेल जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियां• भारत का प्रथम दर्जे का रणजी ट्राफी मैच सर रणजीतसिंह जी के नाम पर उन्हें सम्मान देने के लिए ही रखा गया है।• रणजीत सिंह भारत के प्रथम टेस्ट मैच खिलाड़ी थे। उन्होंने इंग्लैंड, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लंदन काउंटी तथा ससेक्स का प्रतिनिधित्व किया।• 1907 में उन्होंने हिज हाइनेस श्री रणजीतसिंह जी विभाजी, जाम साहब ऑफ नवानगर की उपाधि उत्तराधिकार में प्राप्त की।• 1897 में उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया।• डब्लू, जी. ग्रेस के बाद वे दूसरे ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने अपने पहले मैच में शतक बनाया था।• रणजीतसिंह जी ने खेल की नई तकनीक व बारीकियां प्रस्तुत की।• उन्होंने कुल 15 टेस्ट मैच खेले।• उनकी रचना द जुबली ऑफ क्रिकेट , क्रिकेट के क्षेत्र में बेहतरीन रचना मानी जाती हैं। हमारे यह लेख भी जरुर पढ़े:–[post_grid id=’21134′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn 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