एशियन कप हिस्ट्री इन हिन्दी – एशियाई खेलों का इतिहास Naeem Ahmad, March 27, 2020March 31, 2020 एशियाड महाद्वीप के समस्त देशों को मिलाकर होने वाली महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिता एशियाड खेल के नाम से जानी जाती है । यह ओलम्पिक के बाद सम्पूर्ण विश्व में होने वाली दूसरी सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता है। जो एशियाई देशों के मध्य आपसी सौजन्य, सद्भावना एवं सांस्कृतिक आदान प्रदान के उद्देश्य को ध्यान में रखकर खेली जाती है। एशियन खेलों के नाम से भी जानी जाने वाली इस खेल प्रतियोगिता की शुरुआत 1951 में हुई थी। इस प्रतियोगिता के आयोजन को एशियन कप के नाम से संबोधित किया जाता है।एशियन कप हिस्ट्री इन हिन्दीभारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री जवाहर लाल नेहरू व एक अन्य खेल प्रेमी एंटनी डिमेला के प्रयासों से 1951 में ही नई दिल्ली में एशियाड कप का आयोजन प्रथम बार हुआ था। तब से प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल में एशियाई खेलों का आयोजन होता है। 4 मार्च 1951 को दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में आयोजित प्रथम एशियाई खेलों में 11 देशों के 2500 प्रतियोगी एवं अधिकारियों ने भाग लिया था। एशियाड खेलो का आयोजन खेल के इतिहास में एक नवीन क्रांति थी। इसने एशियाई देशों के मध्य एक नवीन खेल भावना का संचार किया। प्रथम एशियाड में कुल 57 प्रतिस्पद्धाओ में जापान 24 स्वर्ण पदक, भारत 15 स्वर्ण पदक, एवं ईरान 8 स्वर्ण पदकों के साथ क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर रहे थे।ओलंपिक खेलों की तरह एशियाई देशों को एक ही मंच पर एकत्र कर एशिया वासियों में खेलों के माध्यम से आपसी सौहार्द, भाईचारा, प्रेम एवं विश्वास बढाने की दृष्टि से एशियाई खेल आयोजित करने का विचार सबसे पहले स्वर्गीय प्रो. गुरूदत्त सोंधी के मन मे आया था। भारत के यादवेंद्र सिंह एशियाड खेल महासंघ के पहले अध्यक्ष चुने गए और महासंघ का चार्टर ओलंपिक चार्टर के आधार पर बनाया गया।एशियन कपसर्वप्रथम यह सहमति हुई कि पहले एशियाई खेल दिल्ली मे सन् 1950 में आयोजित किए जाएं, किन्हीं कारणों से यह तिथि टल गई फिर बाद में सन् 1951 में ये आयोजित हुए। एशियन कप के आयोजन का पहला अवसर भारत को प्राप्त हुआ और इस प्रकार प्रथम एशियाई खेल नई दिल्ली में 1951 में पूर्ण रूप से सम्पन्न हुआ, जिसमें 11 देशों ने भाग लिया और ग्यारह प्रतियोगी राष्ट्रों के झंडे फहराए गए। इस ध्वज में चमकते हुए सूर्य के चारों ओर ग्यारह छल्ले थे, जो ग्यारह प्रतियोगी राष्ट्रो के प्रतीक थे।दूसरे एशियन कप का आयोजन फिलीपींस की राजधानी मनीला में 1954 में किया गया। इस एशियाई खेल में साइकिलिंग को प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया गया। लेकिन इसके बदले कुश्ती, बॉक्सिंग तथा राइफल खेलों को शामिल किया गया। इस तरह इस आयोजन में कुल 8 खेलों को शामिल किया गया। 1958 में आयोजित तीसरा एशियाई खेल टोक्यो में सम्पन्न हुआ, जिसमें कुल 13 प्रतियोगिताओं को शामिल किया गया। इस खेल में पहली बार मशाल जलाने की परम्परा की शुरुआत हुई। इस जलती मशाल को मनीला के रिजाल मेमोरियल कोलिसियम से टोक्यो तक लाया गया। चौथा एशियाई खेल 1962 में जकार्ता में आयोजित किया गया। इस खेल प्रतिस्पद्धाओ में 17 प्रतिस्पद्धाओ को शामिल किया गया। एथलेटिक्स और तैराकी जैसे खेलो को पहली बार इसी में शामिल किया गया। पांचवाँ एशियाई खेल 1966 में थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में सम्पन्न हुआ। इस खेल का आयोजन पहले दक्षिण कोरिया में तय किया गया परंतु कुछ असमर्थता के कारण यह खेल दक्षिण कोरिया में न हो सका। फिर पिछले बार के सफल संचालन को देखते हुए थाइलैंड को दोबारा इस खेल के आयोजन के लिए चुना गया।सातवां एशियन कप 1974 में आयोजित किया गया। सातवां एशियाड खेल एशियाई खेलों के इतिहास में इसलिए अविस्मरणीय बन गया कि पहली बार इस खेल का आयोजन पश्चिम एशिया मे किया गया। इस बार इसका आयोजन ईरान की राजधानी तेहरान में किया गया था। तेहरान एशियाड खेलों में 25 देशों ने भाग लिया। जिमनास्टिक तथा तलवार बाजी को पहली बार एशियाई खेलों में शामिल किया गया था। तेहरान एशियाड को उसकी अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के लिए याद किया जाता हैं। 12 सालों के अंतराल में तीसरी बार 1978 में बैंकॉक को आठवां एशियन कप आयोजित करने का अवसर प्राप्त हुआ। दिल्ली में हुए पहले एशियाई खेल के ठीक 31 साल बाद एक बार फिर एशियाई खेल उसके जन्म स्थान पर 1982 में नौवें एशियाड खेल के रूप में नई दिल्ली मे आयोजित किए गए। इस बार एशियाई खेलों के इतिहास में नया अध्याय जुडा। पहली बार इन खेलों का आयोजन एशियाई ओलंपिक परिषद ओलंपिक कांउसिल ऑफ एशिया (OCA) की देख रेख में किया गया। दसवें एशियन कप का आयोजन 1986 में सियोल में किया गया। इस एशियाई खेल में भारत की पी. टी. उषा ही एकमात्र धाविका रही जिन्होंने न केवल व्यक्तिगत स्पर्धाओं में तीन स्वर्ण और एक रजत जीता बल्कि 4 गुणा 400 मी. दौड में नए एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण भी पाया। ग्यारहवें एशियन कप का मेजबान इस बार चीन रहा। सन् 1990 में बिजिंग में यह खेल सम्पन्न हुआ। यह एशियाई ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष शेख फहद अल साबाह की मृत्यु के शोकपूर्ण माहौल में शुरू हुआ, फिर भी यह एक सफल खेल बना। सन् 1994 मे बारहवें एशियन कप का आयोजन हिरोशिमा जापान में आयोजित किया गया। इस एशियाई खेल में कुल 34 खेलों का आयोजन किया गया।एशियन कप सन् 1998 के दौरान बैंकॉक में तेरहवें एशियन कप का आयोजन किया गया। यह चौथा अवसर रहा जब बैंकॉक में एशियाई खेलों का शुभारंभ हुआ। 13वें एशियाई खेलों का शुभंकर चाई यो था। 13 वे एशियाड खेलों में 36 खेलों की प्रतिस्पद्धाए सम्पन्न हुई। 13वे एशियाई खेलों की 36 स्पर्द्धाओ मे से 6 ऐसी है जो नई दिल्ली में 1951 में हुए प्रथम एशियाई खेलों से लगातार इन खेलों में शामिल है। ये स्पर्धाए है — एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, साइकिलिंग, फुटबॉल, तैराकी एव भारोत्तोलन। भारत ने 13वे एशियन कप में कुल 35 पदकों के साथ पदक तालिका में नौवां स्थान प्राप्त किया। 13 वे एशियाई खेलों मे भारत ने जो 7 स्वर्ण पदक जीते उनमे पुरुषों की हॉकी, एथलेटिक्स, कबड्डी, बिलियर्ड्स और मुक्केबाजी शामिल है। हॉकी में लम्बे अंतराल के बाद भारत द्वारा पदक जीता गया था।चौदहवें एशियन कप को 2002 के दौरान दक्षिण कोरिया के बुसान में आयोजित किया गया। 14 वे एशियाई खेलों का शुभंकर एक समुद्री चिडिया को बनाया गया। जिसे दुरिया नाम दिया गया था। 38 प्रतिस्पद्धाओ में बॉडी बिल्डिंग को प्रथम बार ही यहां एशियाई खेलों में शामिल किया गया था। चौदहवें एशियन कप में भारत का प्रदर्शन यदि देखें तो भारत ने 14 वे एशियाई खेलों में 11 स्वर्ण, 12 रजत, व.13 कांस्य पदक जीतकर इस आयोजन में सातवां स्थान प्राप्त किया था। किंतु सुनीता रानी के डोप परीक्षण में असफल रहने पर उनके द्वारा जीते गए दो पदक छीन लिए गए और भारत का स्थान अंततः आठवां हो गया। बाद में सुनीता रानी को निर्दोष घोषित कर दिया गया और 4 फरवरी 2003 को सम्मानपूर्वक उन्हें पदक लौटाए गए। सुनीता रानी ने महिलाओं की 1500 मीटर दौड में स्वर्ण पदक एशियाई रिकॉर्ड के साथ तथा 5000 मीटर दौड मे कांस्य पदक जीता था।दिसंबर 2006 मे कतर की राजधानी दोहा में 15वे एशियन कप का आयोजन हुआ। किसी अरब देश एशियाई खेलो का यह पहला आयोजन था। वर्ष 2006 के ओलंपिक खेलो के लिए व्यापक तैयारियां पर्ल ऑफ द गल्फ कतर ने की थी। मध्यपूर्व के खेलों की राजधानी कहे जाने वाले दोहा में इन खेलों का औपचारिक उद्घाटन 1 दिसंबर 2006 को हुआ। 15 वे एशियाई खेलो के शुभंकर को होरी नाम दिया गया था।भारत ने 15वे एशियन कप में भागीदारी के लिए 372 खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों का दल दोहा भेजा था। हिमाचल प्रदेश के खेल मंत्री, रामलाल ठाकुर भारतीय दल के प्रमुख थे, किंतु उद्घाटन समारोह में मार्च पास्ट में भारतीय तिरंगे की ध्वजवाहिका महिला हॉकी टीम की कप्तान ज्योति सुनीत कुल्लू को बनाया गया था। भारत ने 10 स्वर्ण, 18 रजत व 26 कांस्य पदकों के साथ कुल 54;पदक जीतकर इन खेलों में आठवां स्थान प्राप्त किया था। 800 मी. दौड में रजत पदक शांति सुंदर राजन द्वारा जीता गया था। जो बाद में जेंडर टेस्ट में असफल होने के कारण वापस ले लिया गया। इससे भारत द्वारा जीते गए पदकों की कुल संख्या 53 ही रह गई। इस प्रकार पदक तालिका में भारत ने आठवां स्थान प्राप्त किया। इससे पूर्व 2002 के बुसान एशियाड खेलों में 36 पदक भारतीय खिलाड़ियों ने जीते थे। इस प्रकार कुल पदकों के मामले में भारत ने अपनी स्थिति में सुधार किया। वहीं उसके स्वर्ण पदकों की संख्या 11 से घटकर 10 रह गई। अपने इन 10 स्वर्ण पदकों में से 3 पदक निशानेबाजी में, दो टेनिस, दो शतरंज, एक एथलेटिक्स, एक बिलियर्ड्स व एक कबड्डी में भारत ने जीते है। भारतीय खिलाड़ियों ने दोहा एशियाड खेलों में कुल खेलों मे से 28 खेलों में ही भाग लिया था।एशियन कप सोलहवें एशियन कप का आयोजन चीन के शहर गुआंगडोंग में हुआ था। इस आयोजन में 45 देशो के कुल 9704 प्रतिभागियों एवं अधिकारियों ने भाग लिया। यह खेल 12 नवंबर 2010 को उद्घाटन समारोह के साथ शुरु हुआ और 27;नवंबर 2010 को इसका समापन समारोह किया गया। इस आयोजन में ओलंपिक परिषद ने भविष्य के एशियन खेलों के लिए नए नियम लागू किए जो 2014 के खेलों मे लागू किए गए। 17वां एशियाई खेल दक्षिण कोरिया के ‘इंचियोन’ में 19 सितंबर 2014 से 4 अक्टूबर 2014 के मध्य आयोजित किया गया। भारत ने 17वें एशियन कप में 11 स्वर्ण, 10 रजत और 36 कांस्य पदक सहित कुल 57 पदक हासिल किए और पदक तालिका में आठवें स्थान पर रहा। 18वें एशियन कप का आयोजन 18 अगस्त से 2 सितंबर, 2018 के मध्य इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग शहरों में संपन्न हुए। जकार्ता वर्ष 1962 में भी एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका है। अगला एशियाई खेलों का आयोजन 2022 में होगा।एशियन खेलों के रोचक तथ्य • एशियन खेलों के जन्मदाता भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू है। • एशियन खेलों में एशिया महाद्वीप के राष्ट्र भाग लेते है। • ओलंपिक खेलों के बाद एशियाई गेम्स विश्व का दूसरा सबसे बडा खेल आयोजन है। • एशियन खेलों का प्रतीक चिन्ह चमकते हुए सूर्य के साथ एक हरा भरा वृक्ष है। • प्रथम एशियाई खेलों मे 11 देशों ने भाग लिया था। • एशियन खेलो का आयोजन सर्वप्रथम 4 मार्च 1951 में हुआ था। • यादवेंद्र सिंह एशियाई खेल महासंघ के प्रथम अध्यक्ष चुने गए थे। • सर्वप्रथम एशियाई खेलों के ध्वज में चमकते सूर्य के साथ 11 छल्ले थे, जो 11 प्रतिभागी देशों के प्रतीक थे। • एशियन गेम्स का पहला आयोजक राष्ट्र भारत है। • नौवें आयोजन के दौरान एशियाड गेम्स का आयोजन ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया द्वारा शुरू किया गया। • एशियाई स्नूकर खिताब जीतने वाले प्रथम भारतीय यासीन मर्चेन्ट थे। • प्रथम एशियाई खेलों में भारत ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। • एशियाई खेलों में सर्वाधिक पदक जीतने वाले निशानेबाज रणधीरसिंह है। • एशियन गेम्स में प्रथम पदक जीतने वाले निशानेबाज हरिचरण शॉ है। • भारत दो बार एशियन कप का आयोजक राष्ट्र रहा है। पहली बार 1951 में दूसरी बार 1982 में।Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... 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