अट्टूकल पोंगल केरल में महिलाओं का प्रसिद्ध त्योहार Naeem Ahmad, September 22, 2018February 17, 2023 अट्टूकल पोंगल केरल का एक बेहद लोकप्रिय त्यौहार है। अट्टुकल पोंगल मुख्य रूप से महिलाओं का उत्सव है। जो तिरुवनंतपुरम जिले के कलादी वार्ड में अट्टूकल में प्राचीन भगवती मंदिर (मुदीपुपुरा) में मनाया जाता है। यह एक दस दिवसीय लंबा फेस्टिवल है, जो मलयालम कलेंडर के मकरम-कुंभम (फरवरी-मार्च) महीने के भरानी दिन (कार्तिका स्टार) से शुरू होता है, और रात में कुरुथिथानम के नाम से बलि चढ़ाए जाने वाले बलिदान के साथ खत्म हो जाता है। प्रसिद्ध अट्टूकल पोंगल महोत्सव का नौवां दिन इस त्यौहार का सबसे बड़ा दिन है। केरल की सभी जातियों और पंथों और तमिलनाडु राज्य की महिलाएं बड़ी संख्या में मंदिर के आसपास एकत्र होकर “पोंगल” खाना पकाती है। और इसे देवी प्रसाद के रूप मे देवी को चढ़ाते हैं। केरल के प्रमुख त्यौहारों पर आधारित आप हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—ओणम पर्व की रोचक जानकारी हिन्दी मेंविशु पर्व की जानकारीथेय्यम नृत्य फेस्टिवल की जानकारीकेरल नौका दौड़ फेस्टिवलत्रिशूर पर्व और पर्यटन स्थलअट्टूकल पोंगल का महत्व अट्टूकल पोंगल त्यौहार का बहुत बडा महत्व माना जाता है। कहते है कि देवी अटुकलममा को दूसरी शताब्दी में तमिल कवि इलंगो द्वारा लिखी गई ‘सिलप्पाथिकाराम’ की नायिका ‘कन्नकी’ का अवतार माना जाता है। अटुकल वह जगह है जहां कन्नकी ने मदुरै से कोडुंगल्लूर तक अपनी उत्तर की यात्रा पर आराम किया था। ‘पोंगाला’ का मतलब उबालना है। यह उन चीजों की परंपरागत पेशकश को संदर्भित करता है जो देवता को प्रसन्न करते हैं। इसमें चावल, मीठे भूरे रंग के गुड़, नारियल के वयंजन, मुंगफली और किशमिश का दलिया शामिल हैं। अट्टूकल पोंगल फेस्टिवल के सुंदर दृश्य अट्टूकल पोंगल कैसे मनाया जाता है उत्सव थॉटंपट्टू (भगवती के बारे में एक गीत) शुरू करते हैं। ये धार्मिक गीत त्यौहार के नौ दिनों तक रोज जारी रहता हैं। अट्टूकल पोंगल के नौवें और मुख्य दिन पर हजारों महिलाएं मंदिर में इकट्ठा होती हैं जिसमें पोंकाला या पोंगाला खाना पकाने के लिए सामग्री होती है। खाना पकाने का अनुष्ठान सुबह जल्दी शुरू होता है और दोपहर तक, पोंगाला तैयार हो जाता है। तब मेल्सेन्थी (मुख्य पुजारी) देवी की तलवार के साथ आता है और पवित्र पानी छिड़ककर और फूलों को स्नान करके महिलाओं को आशीर्वाद देता है। ‘धन्य’ पोंगल को महिलाओं द्वारा घर वापस ले जाया जाता है। बाद में, देवी की मूर्ति को मणोकौदस्थस्थ मंदिर से एक रंगीन जुलूस जिसमें लेलापोली, कुथियोटम, अन्नम, वहनम, कैपरिसन हाथी आदि शामिल होते है। के साथ जूलूस निकाला जाता है। जूलूस मे प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा संगीत कार्यक्रम प्रर्दशित किए जाते है। जूलूस यात्रा को मार्ग मे दर्शकों द्वारा निर्पारा के साथ बधाई दी जाती है। जुलूस त्यौहार की समाप्ति को दर्शाते हुए अगली सुबह वापस मंदिर पहुंचता है। अट्टूकल पोंगल की कहानी दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक अट्टूकल भगवती मंदिर, महिलाओं के सबरीमाला के रूप में लोकप्रिय रूप से वर्णित है, क्योंकि महिलाएं इस मंदिर में भक्तों का प्रमुख हिस्सा बनती हैं। अटुकल के मंदिर में देवी मां को सर्वोच्च, शक्तिशाली, और सभी प्राणियों के दुखो को नष्ट करने वाली देवी के रूप में पूजा की जाती है। पूरे देश के तीर्थयात्री, जो श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर की यात्रा करते हैं और भगवान की पूजा करते हैं, सर्वोच्च मां अटुकलममा के मंदिर का दौरा जरूर करते है। कहते है की भगवती मां के दर्शन बिना उनकी यात्रा पूरी नहीं मानी जाती हैं। माना जाता है कि विष्णुमाया ने भगवती का अवतार बुराई को खत्म करने और वर्तमान कलयुग युग में दुनिया की भलाई और रक्षा करने के लिए लिया था। अटुकल भगवती को तमिल कवि के एलेनकोवाडिकल द्वारा लिखी गई चिलापथिकाराम की प्रसिद्ध नायिका कन्नकी का दिव्य रूप माना जाता है। कहानी यह है कि प्राचीन शहर मदुरै के विनाश के बाद, कन्नकी ने शहर छोड़ दिया और कन्याकुमारी के माध्यम से केरल पहुंचे और कोडुंगल्लूर के रास्ते पर अटुकल में रहने लगे। कन्नकी को भगवान शिव की पत्नी पार्वती का अवतार माना जाता है। इसलिए अट्टूकल पोंगल महोत्सवम, अटुकल भगवती मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। अट्टूकल पोंगल फेस्टिवल, अट्टूकल पोंगल त्यौहार, अट्टूकल पोंगल उत्सव, अट्टूकल कैसे मनाया जाता है, अट्टूकल पोंगल क्यों मनाते है। अट्टूकल पोंगल कब मनाया जाता हैं आदि शीर्षक पर आधारित हमारा यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है। केरल के टॉप 10 फेस्टिवल [post_grid id=”5854″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख त्यौहार